surya kyon jaruri hai hamare liye How can we protect our body from diseases by sunlight

हमारे जीवन में सूर्य की किरणों और प्रकाश का विशेष  महत्त्व है  | सूर्य के प्राकृतिक गुण | 

भारत देश में सूर्य देव को पूजनीय माना जाता है |सुया देव को सूर्य  नारायण भी कहा जाता था | आप सभी जानते है की सूर्य की किरणों और प्रकाश के बिना संसार में कुछ भी संभव  नहीं है जैसे हमें सूर्य की धुप की जरुरत होती है | वैसे ही पृथ्वी पर रहने वाले सभी  जिव जंतु ,पौधे, वृक्ष, फल फूल आदि सभी को सूर्य की किरणों की जरूरत है | यहां तक की धरती को भी सूर्य की तपत की जरुरत होती हैं | हमें बचपन से बताया जाता है की सूर्य की रोशनी से पौधे बड़े होते है पेड़ उगते है | लेकिन हमें ये नहीं बताया जाता की जितनी जरूरत पेड़ पौधो को सूर्य की होती है उतनी ही मानव शरीर के लिए भी होती है | सूर्य की रोशनी में जीवन देने वाली शक्ति होती है | यदि हम सुया की ऊर्जा की शक्ति को सही तरिके से प्राप्त मात्रा में ले तो हमरे शरीर के रोगों का इलाज बड़े ही आराम से हो सकता है | इस पद्धति में सूर्य के प्रकाश में सात प्रकार के रंगों को शरीर के विभिन्न अवयव ग्रहण करते हैं। जिससे शरीर में रंगों का संतुलन बना रहता है, और यह संतुलन बिगड़ते ही शरीर रोगों की चपेट में आ जाता है। इस प्रचीन चिकित्सा पद्धति में बीमारियों के लक्षणों का पता लगाकर उससे सम्बन्धित रंगों का प्रकाश देकर शरीर के विकारों को दूर किया जाता है | हमारे इस लेख में हम सूर्य की रौशनी को लेने का तरीका सीखेंगे | सूर्य की रौशनी न मिलने के कारण बच्चों की याद करने की और सिखने की शक्ति खत्म हो जाती है | इससे हम बोहोत साड़ी बिमारियों से बच सकते है जैसे सर्वाइकल, थाइराइड, जोड़ों का दर्द, चार्म रोग, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां जड़ से ठीक हो जाती है | यह हमे हेल्थी शरीर प्रदान करती है | तो चलो जानते है प्राकृतिक गुणों की बारे में  |



सूर्य को देखने के लाभ :- 
इसमें सूर्य को एक टक (संराजिंग )देखना होता है |यदि हम सुरक्षित समय पर सूर्य को देखें तो रोशनी आँखों के द्वारा हमारे मष्तिस्क तक पहुंचती है जिससे हमरे दिमाग और शरीर का फोकस और कॉन्सनट्रेशन बढ़ता है | इससे हमरे शरीर की बड़ी बड़ी बीमारियां खत्म हो जाती है जैसे टेंशन , डिप्रेशन, इन्सोमिनय, माइग्रेन, हेडाचे जड़ से खत्म हो जाती है | जो काम आपकी महंगी महंगी दवाईयां और सप्लीमेंट नहीं कर सकते वो काम हम इस प्राकर्तिक तरिके से आसानी से कर सकते है | हमें इस इंडो दुनिया से निकल कर प्रकिर्तिक दुनिया बनानी चाहिए |


घावों को भरने में उपयोगी :- ऋग वेद में कहा गया है की सूर्य कोई भी बीमारी खत्म कर सकता है | इतना ही नहीं बल्कि हर योग की शुरुआत सूर्य नमश्कार से शुरू होती है |  और जर्मनी में पहले विश्वयुद्ध के दौरान सूर्य की रोशनी का उपयोग जर्मनी के लोग युद्ध से हुए घावों को भरने के लिए किया जाता था | जब किसी सैनीक को चोट या गोली लग जाति थी तब डॉक्टर उसे पट्टी करने की वजह सूर्य के सामने बैठा दिया करता था | वह सूर्य का प्रयोग कीटाणुओं से बचने के लिए प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता था | और ग्रीस  में सूर्यरश्मि चिकित्सायानि की हेलियोथेरपी की जाती थी | यानि की सूर्य का उपयोग ओषधि के रूप में करना| पूरे यूरोप में हेलिओथेरपि के क्लिनिक मौजूद थे | विशेषकर बच्चों के लिए उन्हें धुप में सुन बैड पर लेताया जाता था | और उनकी सारी बीमारिया जैसे अनीमिया,रिकेज़म आदि बीमारियां पूरी तरह ठीक हो जाती थी | इटली में सुनलिटे हस्पताल कमरे बनाये गए जिन लोगों का इनमे इलाज किया जाता था | उनको इसमें धुप में लेटाया जाता था | ये लोग अन्य रोगियों के बदले जल्दी ठीक हो जाया करते थे | दुनिया भर में सूर्य की रौशनी का उपयोग ओषधि के रूप में किया जाता था | इसको लेने का तरीका होना चाहिए | 

सूर्य की रोशनी कैसे ले :-
 इस लेख में हम आपको बताएंगे की सूर्य की रौशनी कैसे लेनी है |  
  • सूर्य स्नान :- (सुनबाथिक) मतलब हर रोज अपने शरीर को सूर्य की रौशनी दिखाना जिस प्रकर हम रोज पानी से स्नान करते है | वो तो सिर्फ हमरा बहरी स्नान होता है | ये सिर्फ आपके बहरी शरीर को साफ़ करता है | लेकिन सूर्य की रोशनी आपके शरीर के अंदर तक जाती है | और आंतरिक शरीर साफ़ करती है | जैसे हमारी रसोई में गेहूं या चावल में कीड़े लग जाते है | तो फिर हम उन्हें धुप में सूखने के लिए रख देते है जिससे वो सभी कीड़े भाग या मर जाते है | उसी प्रकार जब हम अपने शरीर को धुप का स्नान करते है तो वह हमरे शरीर में जमे बैक्टीरिया, कीटाणु ,फंगस जैसी बिमारियों को नस्ट कर देती है | सूर्य स्नान से हमारा अंदर का शरीर साफ़ होता है | और रक्त भी साफ़ होता है| हमारी त्वचा साफ़ होती है | त्वचा से सम्बन्धित सभी बीमारियां खत्म हो जाती है | इस ओषधि में किसी भी चीज की मिलावट नहीं है | और निशुलक है | सिर्फ तरीका यह अपनाना है 
  •  विधि :- 

  1. आपको अपने सभी कपडे निकाल कर सूर्य की रोशनी के सामने लेट जाना है | आप सफेद कपडा अपने शरीर पर ढक सकते है | यह आप कहीं भी कर सकते है जैसे छत पर,पार्क , बालकनि में इत्यादि में कर सकते है |
  2.  यह आपको सुबह या शाम को करना है | क्योंकि आपको सूर्य की रौशनी से स्नान करना है न की सूर्य की गर्मी से | 
  3. दोपहर के वक्त यह करना उचित नहीं है क्योंकि उस समय काफी गर्मी भी हो सकती है | जिससे आपको फायदे की जगह नुकसान है | 
  4. यह आप केवाल 30-15 मिनट तक ही करना है | या जब आपको पसीना आने लगे तभी आप इसे छोड़ सकते है | 
  5. पहले 15 मिनट आप अपने अगले शरीर को रौशनी दे फिर पीछे के शरीर को 15 मिनट रोशनी देनी है | 
  6. आपको ये कम से कम कपड़े पहन कर करना है | ताकि रोशनी शिधि आपके शरीर पर पद सके |
  7. सूर्य स्नान आपको खुली जगह में करना है | शीशे वाले बंद कमरे में नहीं करना है |  क्योंकि बंद कमरे या जिम के अंदर दुसरो के द्वारा छोड़ी जाने वाली गैस को लेना पड़ता है | इसलिए यह आप खुले स्थान पर ही करे |

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