Bargad ke Ped ke fayde What are the benefits of Banyan tree.......

बरगद के पेड़ के फायदे |  क्या आप इसके फायदे और  महत्व जानते है | 

भारतीय समाज में बरगद के पेड़ को अमरता का वृक्ष कहा जाता है क्‍योंकि इसके जीवन को बढ़ाने वाली जड़ें बहुत लंबी होती हैं और वे इनकी शाखाओं को भी सहारा देती हैं। इस प्रकार इनकी जड़ें इस वृक्ष का एक अभिन्‍न हिस्‍सा होती हैं। बरगद के पेड़ों का आध्‍यात्मिक महत्व भी है, ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव शाखाओं पर, भगवान विष्‍णु इस पेड़ की छाल में और ब्रम्‍हा जी इसकी जड़ों पर निवास करते हैं। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध को भी इसी पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्‍त हुआ था। आपने अब तक न जाने कितनी जड़ी बूटीयों के फायदों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्‍या आपने सामान्‍य से दिखने बाले बरगद के पेड़ के फायदे सुने हैं। अगर आप इसे सामान्‍य सा पेड़ मानते हैं तो अपनी भूल को सुधार लें यह सामान्‍य वृक्ष नहीं है बल्कि आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

बरगद के पेड़ का महत्व :-

 

 इस दुनिया में कोई अमर हो या न हो लेंकिन ऐसा लगता है कि बरगद के पेड़ों ने अमरता प्राप्‍त कर ली है।भारत में बरगद को पूज्‍यनीय स्‍थान प्राप्‍त है। ये वृक्ष दशकों और शतकों से कहीं अधिक समय तक जीवित खड़े रहते हैं।बरगद का पेड़ धार्मिक महत्‍व रखने के साथ-साथ आयुर्वेद में भी प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्‍त करने के लिए आप इसकी जड़ों, छाल, पत्‍ते, फूल और फलों का उपयोग कर सकते हैं। अर्थात इस पेड़ के सभी हिस्‍से औषधीय गुण से भरपूर होते हैं। बरगद को मूलतः बड़ या बट के नाम से ही जानते हैं, लेकिन इसके अलावा भी देश-विदेश में बरगद को कई नाम से जाना जाता है | तो चलिए जानते है इसके फायदे | 
बरगद के पेड़ के फायदे :- 
 बरगद का पेड़ अपने विभिन्‍न औषधीय प्रयोगों और और गुणों से महिला, पुरुष, बच्‍चे और बुजुर्ग सभी के लिए अत्‍यंत फायदेमंद है | 

बालों को करे कला और घना :- बड़ की जटा और काले तिल को बराबर भाग में मिलाकर खूब अच्छी तरह पीस लें। इसे सिर पर लगाएं। आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ कर लें। अब सिर में भांगरा और नारियल की गिरी दोनों को पीसकर लगाएं। कुछ दिन ऐसा करते रहने से कुछ दिनों में बाल लम्बे हो जाते हैं।

मधुमेह से निजात दिलाये :- आधुनिक समय में मधुमेह एक आम बीमारी बन चुकी है। बरगद के पेड़ के फायदे मधुमेह को कर सकते हैं। बरगद की जड़ का रस  बनाकर सेवन करने से शरीर में उच्‍च शर्करा के स्‍तर को कम किया जा सकता है। यदि आप इस समस्‍या से ग्रसित हैं तो बरगद का उपयोग कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। 

आंखों के रोगों से बचाये :- बड़ के दूध को 2-2 बूंद आंखों में डालने से आंखों से संबंधित रोगों का उपचार होता है। इसका प्रयोग चिकित्सक की सलाह से करें।बड़ के 10 मिलीलीटर दूध में 125 मिलीलीटर कपूर और 2 चम्मच शहद मिलाएं। इसे आखों में लगाने (काजल की तरह) से आखों की समस्‍याएं दूर होती हैं। 

 दांतों के रोगों से निजात :- दांतों और मसूड़ों को स्‍वस्‍थ्‍य बनाने के लिए बरगद की जड़ बहुत ही फायदेमंद होती हैं। बरगद की जड़ को चबाने से मसूढ़ों की समस्‍या दांत क्षय, मसूड़ों से खून आना आदि समस्‍याओं से छुटाकारा पाया जा सकता है। इसका उपयोग करने सेमुँह की बदबू से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इन जड़ों का उपयोग प्राकृतिक पेस्‍ट के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। 

  दस्तों में फायदेमंद :- इस औषधीय पौधे से प्राप्‍त होने वाले कोमल और उभरते पत्‍तों को पानी के साथ लेना दस्त  के लिए फायदेमंद होता है। क्‍योंकि इसमें बंधन कारी गुण होते हैं जो जठरांत्र से उतपन दस्‍त, पेचिश, गैस,जलन आदि परेशानियों को ठीक करता है। इन पत्तियों को प्राकृतिक चीनी और धनिये के पत्‍तों के साथ चबाने पर बहुत ही फायदे मंद होता हैं।

शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए बरगद के फल का सेवन :-  रगद के वृक्ष से उतारे हुए फलों को हवादार स्थान में कपड़े पर सुखा लें। ध्‍यान रखें कि इससे लोहे का सम्पर्क न होने पाए। इसका चूर्ण तैयार कर लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। 6 ग्राम चूर्ण को सुबह गर्म दूध के साथ सेवन करें। इससे वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन की समस्या आदि विकार दूर होते हैं। इससे शारीरिक शक्ति की वृद्धि होती है।

 त्वचा के रोगों में फायदेमंद :- आप अपने सूंदर बनाने के लिए बरगद के फलों का उपयोग कर सकते हैं। आप इन फलों का पेस्‍ट बना सकते हैं जो श्‍लेष्‍म झिल्‍ली, त्‍वचा की सूजन और दर्द को दूर करने में सहायक होता है।आप बरगद की पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। आप बरगद की 7-8 पत्तियों को लें और इनका पेस्‍ट बनाकर अपने चेहरे पर लगाएं। यह त्‍वचा की समस्‍याओं को दूर करने में सहायक होता है। और आपकी त्वचा सूंदर बना देगा | 

खाज खुजली में फायदेमंद :- वचा की खुजली (Itching) को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ का उपयोग किया जा सकता है। खुजली का उपचार करने के लिए इसकी ½ किलो पत्तियों को पीस कर 4 लीटर पानी में डालें और रात भर भींगने दें। अगली सुबह उन्‍हें उबालें जब तक की पानी की मात्रा 1 लीटर न बचे। अब इस पानी में .500gm  सरसों का तेल डालकर अच्‍छी तरह पकने दें। इस मिश्रण को ठंडा करें और इस तेल का उपयोग गीली और शुष्‍क दोनों प्रकार की खुजली के लिए करें।

बरगद के दूध का उपयोग मस्‍से को खत्म करे :- त्‍वचा के मस्‍सों को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्‍त किये जा सकते हैं। मस्‍सों का इलाज करने के लिए बरगद के दूध का उपयोग किया जाता है। अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त करने के लिए तिल मस्‍से पर इस दूध को दिन में तीन बार लगाना चाहिए। यह अपको मस्‍सों से छुटकारा दिला सकता है।

बरगद वृक्ष की छाल से घाव का इलाज :- साधारण घाव पर वट वृक्ष के दूध को लगाने से वह जल्‍दी ठीक होता है।घाव में यदि कीड़े हो गए हों या घाव से बदबू आती हो तो वट वृक्ष की छाल का काढ़ा बना लें। इससे हर दिन धोएं। इससे फायदा होता है।फोड़े और फुन्सियों पर वट वृक्ष के पत्तों को गर्म कर बांधने से वे जल्‍द ही पक कर फूट जाते हैं। वर्षा ऋतु में पानी में अधिक रहने से अगुंलियों के बीच में जख्म से हो जाते हैं। ऐसे जगह पर बड़ का दूध लगाने से जल्‍द ही बीमारी ठीक हो जाती है।

बरगद के दूध से रसौली को खत्म करें :- गठिया, चोट व मोच पर बरगद का दूध लगाने से पीड़ा तुरंत कम हो जाती है।यदि गांठ पकने वाली नहीं है तो बड़ का दूध लगाने से बैठ जाती है। यदि फूटने वाली है तो शीघ्र पककर फूट जाती है | कूठ व सेंधा नमक को बड़ के दूध में मिलाकर लेप करें। इसके ऊपर छाल का पतला टुकड़ा बांध दें। सात दिन तक दो बार उपचार करने से बढ़ी हुई रसौली की समस्या में लाभ होता है। और  वह धीरे धीरे समाप्त होने लगती है | 

 

बरगद के पेड़ से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों  में लिखा गया है ताकि आप बरगद के पेड़ से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में बरगद के पेड़ का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी है | 

 


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